उन्हें पहचान लें
वे लोग
अमीबा भी हो सकते हैं
विनोबा भी
गौतम भी और गांधी भी
सिकंदर भी और चंगेज़ भी !
वे बोते हैं विषबेल
और फिर रचाते हैं शान्तिकरार
वे आरम्भ करते हैं आगके साथ खेलना
और बादमें रचते हैं
अग्निशामकका उपक्रम भी.
उन्हें पहचान लें,
आप उन्हें पहचान लें.
वो रचते है चबूतरे
और भोले पंछीयोंको फँसा देते हैं अपने जालमें !
वे आरम्भ करते हैं यज्ञ
और समिधकी तरह होम देते हैं आपको.
पंचमहाभूतोंमें विलीन होनेसे पहले
प्रतिपल वे आपको विलीन करते हैं!
वे लोग अणु भी हो जाते हैं
और अणुबम भी.
वे लोग हिरोशीमा भी हो जाते हैं
और हिमालय भी!
बेहतर होगा अगर आप उन्हें पहचान लें.
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