छूआछूत
तेरे दो हाथ है
मेरे भी .
तेरे दो पैर है
मेरे भी .
तेरे आँख,कान, नाक और मुँह है
मेरे भी
तुम बोलते हो
मैं भी .
तेरा नाम है
मेरा भी .
तुम साँस लेते हो
मैं भी .
तुम इंसान हो
मैं भी .
फिर भी कितना फर्क है
तुम गाँवके अन्दर और मैं गाँव बाहर
और दोनोंके बीच
रहती है छूआछूत
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